संदेश
दीपक एक आज जलाएँ ऐसा - कविता - सीमा शर्मा 'तमन्ना'
दीपक जल-जल कह रहा प्रियतम, सदा रहे जग उजास। रहे दूर तिमिर सदैव ही नव ऊर्जा का फैले नित्य प्रकाश॥ हर घर-आँगन में दीप जले सुंदर हो जन-जन…
मुबारक हो दीपों का त्यौहार - कविता - राम प्रसाद आर्य 'रमेश'
नमस्कार, नमस्कार, नमस्कार, मुबारक हो दीपों का त्यौहार। माँता लक्ष्मी की पूजा सफल हो, घर में धन की हो वर्षा अपार। दीप घर-घर जले हों हज़ा…
कुछ दीये ख़ास जलाऊँगा - गीत - आचार्य प्रवेश कुमार धानका
दीपावली का प्रकाश पर्व, मैं भी मनाऊँगा, इस बार दिवाली पर, कुछ दीये ख़ास जलाऊँगा। इस बार दिवाली पर कुछ दीये ख़ास जलाऊँगा॥ जलाऊँगा एक दीया…
बंद दरवाज़ें - कविता - निखिल पाण्डेय श्रावण्य
बंद दरवाज़ें सूने आँगन, झाँझर बोले टपकें बूँदन। छत की सीली साँसें गुनतीं, बीते क्षण की मौन धुनन॥ दीवारों पर रंग उतरता, बीते त्योहारों …
दीप सबके दिलों में जलाना सखे - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
दीप सबके दिलों में जलाना सखे, प्रीत सबके दिलों में दिलाना सखे, खोए रिश्ते अपनों के दिलों रोशनी, आएँ फिर से मुहब्बत जगाना सखे। अब सबके …
दिल तोरे बाटें टाने - खोरठा गीत - विनय तिवारी
तोर चाँद एइसन चेहरा देइख कुन दिल तोरे बाटें टाने तोरा सोब समय देखेक मन करे रातीं आर दिनें॥ चंपा चमेली अइसन तोर गात गमके जइसन फूल गमके …
अक्टूबर की सुबह - कविता - सुरेन्द्र जिन्सी
आज मैं उसे नहीं जगाऊँगी। रात को देखा था— वह जागता रहा देर तक, जैसे कोई शब्द तलाश रहा हो जो शब्दकोश में नहीं है। खिड़की खुली है, पेड़ स…
मैं कौन हूँ? - कविता - विजय शर्मा एरी
मैं कौन हूँ, ये रहस्य अनंत, ना जिसका आरंभ, ना जिसका अंत। ना जन्म मुझे, ना मरण का भय, मैं अजर-अमर, मैं शाश्वत स्वयं। बम, मिसाइल, तोपें …
व्यर्थ बहता जीवन - मनहरण कवित्त छंद - पवन कुमार मीना 'मारुत'
पदार्थ प्यारा प्राणों से समझो सुहृद सब, मृग-मरीचिका मरुस्थल माय कहा है। इतराता इंसान परवाह प्राण की नहीं, रंगहीन रूहानी जन जीवन कहा है…
कृष्ण तुम पर क्या लिखूँ - कविता - सुशील शर्मा
कृष्ण, तुम्हें शब्दों में बाँधना वैसा ही है जैसे आकाश को हथेली में भरने की कोशिश, जैसे सागर को प्यास की परिभाषा में समेटना, जैसे प्रका…
मैं भारत हूँ - कविता - संतोष कुमार
मैं बस एक राष्ट्र नहीं एक संकल्प हूँ प्रयास हूँ आज़ादी का एहसास हूँ कर्तव्यों का ताला भी हूँ अधिकारों की चाभी भी कुछ पुराने ज्ञान सरीखा…
स्वतंत्रता दिवस - कविता - आलोक कौशिक
विजय-ध्वजा समुन्नत भारत नभ में झलके त्रिवर्ण-शान वीर-प्रवीर अमर बलिदानी जिनसे जग में बढ़ी पहचान वज्र-संकल्प-धार सज्जित रण-ध्वनि जिनके …
श्रीराम वनगमन - मनहरण घनाक्षरी छंद - सत्यम् दुबे 'शार्दूल'
राम जी को देख कर भूल बैठे सब काम, अपलक सोच रहे आता कौन धीर है; आता कौन धीर वीर श्याम वर्ण है शरीर; हाथ में धनुष लिए पीछे को तुणीर है, …
आज़ादी का जश्न मनाएँ - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | Independence Day Poetry Hindi
आज़ादी का जश्न मनाएँ बलिदानों की गाथा गाएँ। राष्ट्र पहले हमेशा पहले राष्ट्र धर्म पथ हम बढ़ जाएँ। गूंजित हो चहुँ दिशा देश जय, वन्दे भारत…
आया पावन रक्षाबंधन - कविता - सत्यम् दुबे 'शार्दूल'
श्रावणी पूर्णिमा का विहान, है सजी मिठाई की दुकान। राखी में कितने रंग भरे, सब को आकर्षित आप करे। बहनों के हाथों भाई का होना है नूतन अभि…
रक्षाबंधन - कविता - संजय राजभर 'समित'
भाई बहन का प्यार, चंदा सूरज के जैसा हो बहन की शीतलता के लिए भाई की सुरक्षा कवच हो, अनुज के लिए बहन का माँ के जैसा ममत्व हो उपहार का लो…
हिन्द का कोहिनूर - कविता - गणपत लाल उदय
हे वीर शहीदों! है आपको कोटि-कोटि प्रणाम, अतुलित बल से खदेड़े आपने दुश्मन तमाम। अमर ज्योत जलती रहेगी आपके सवेरे शाम, मुस्तेद सदा रहकर आ…
मानव तू परोपकारी बन - कविता - डॉ॰ सुनीता सिंह
मानव तू परोपकारी बन, दीन दुखियों का हितकारी बन, तेरे पास है बुद्धि अनमोल, इसका नहीं है कोई मोल। सभी जीवों से अलग है तू, सारी रचना से व…
मालती - कहानी - डॉ॰ धनंजय कुमार मिश्र
गोसाईं गाँव की मिट्टी में एक सोंधी महक थी। वहीं एक छोटी-सी झोंपड़ी में ब्याह के बाद आई थी मालती। चौदह की उम्र में जब वह तेतरी गाँव से …
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर