राहुल जाटूनांगल चौधरी, हरयाणा
कभी सोचा ना था - कविता - राहुल जाटू
रविवार, अप्रैल 26, 2020
इतनी दूर हो कि भी तुम
इतने पास हो जाओगे
धड़कनों से ज्यादा तुम
दिल के खास हो जाओगे
कभी सोचा ना था
कभी सोचा ना था
हर ख्याल में तुम्हारा ख्याल आएगा
बिन तुम्हे याद किये हमारा
एक पल भी गुजर नही पायेगा
कभी सोचा ना था
कभी सोचा ना था
अपनी मुस्कान से ज्यादा
तुम्हारी मुस्कान प्यारी हो जाएगी
तुम्हारे दीदार कर लेने भर से
हम पे खुमारी छा जाएगी
कभी सोचा ना था
कभी सोचा ना था
हमारा दिल हम से ही
बगावत कर जाएगा
बिन तुम्हारे धड़कनों का
दिल से राबता टूट जाएगा
कभी सोचा ना था
कभी सोचा ना था
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