कैसे भूल जाऊ अपनी पहली मुलाकात
वो सर्दी वाली रात
जब तू मुझ से मिलने आई थी
आ के मेरी आगोश में समाई थीं
पहली दफा तुझे इतने
करीब से देख रहा था
इतने करीब से की तेरी सांसो का
संगीत भी साफ सुनाई दे रहा था
अंधेरी रात में भी तेरा चेहरा
कोहीनूर सा चमक रहा था
थम जा ए जाते हुए लम्हे
बार-बार मेरा दिल यही कह रहा था
कैसे भूलू अपने दिल की
वो मोहब्बत भरी अरदाश
कैसे भूल जाऊ अपनी वो पहली मुलाकात
वो सर्दी वाली रात
कैसे भूल जाऊ आखिर कैसे भूल जाऊ
राहुल जाटू
नांगल चौधरी, हरयाणा