तेरे इश्क मे तबाह ,
मेरे पास ना गवाह ....
रो रही मेरी आंखे ,
पर तुझे क्या प्रवाह.....
मोहब्बत इबादत है,
नही है कोई गुनाह.....
वो मेरा हो जाये कोई,
बताओ ऐसी दरगाह.....
एक ही सपना देखती,
हो रहा हमारा विवाह......
पढ़कर मेरे दर्द को,
हो रही मेरी वाह वाह......
तेरे इश्क मे तबाह ,
मेरे पास ना गवाह .....
चीनू गिरि गोस्वमीदेहरादून उत्तराखंड