फोन से बात होती रही रात-दिन,
आने पाया नहीं वो प्यारा सा दिन,
थे तड़पते रहे जिस लिए दोनों दिल,
लाक डाउन कहा तूं अभी नाहीं मिल,
थोड़ा सब्र करो आयेगा वो भी दिन,
मेंरे आगोश में आके जाना तूं खिल,
मैं भ्रमर सा तेरी साँसों में खो जाऊंगा,
तुम मुझे अब्ज सा भर लेना अधरों को सिल,
हो जाएंगे "लाल" पूरे अरमां सभी,
लाक डाउन के बाद तूं आके मिल|
बजरंगी लाल यादवदीदारगंज, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश