मुस्कुराती जिंदगी है मुस्कुराया कीजिये ।
मुस्कुराने का हुनर सबको बताया कीजिये ।
गर्दिशों का दौर भी इक रोज यूँ टल जायेगा,
तुम दुखों का वक़्त भी हंसकर बिताया कीजिये ।
लोग दुःख मेँ आपके संग आएंगे वादा है ये,
हर ख़ुशी मेँ आप उनको घर बुलाया कीजिये ।
कौन कहता है परिंदे अब नजर आते नहीं,
आबो दाना आप छत पर तो गिराया कीजिये ।
जिंदगी की दौड़ में यह बेखुदी अच्छी नहीं,
अच्छा है घर का समय घर मेँ बिताया कीजिये ।
घुट के सारी जिंदगी जीना यहाँ अच्छा नहीं,
अपने दिल की बात अपनों को बताया कीजिये ।
सब तनावों को हमेशा दूर करने के लिए,
सब बड़ों छोटों से खुलकर खिलखिलाया कीजिये ।
खुशदिली जिंदादिली ही जिंदगी का सार हो,
जिंदगी का सार लब पर गुनगुनाया कीजिये ।
प्रेम है गर प्रेम से तो प्रेम की दो बात कर,
प्यार है सच्ची इबादत मत छुपाया कीजिये ।
प्रेम कुमार पालग्राम ढबारसी, पोस्ट जिंदल नगर, जिला ग़ाज़ियाबाद