सत्काम किरण के छत्र धरे।
नयी प्रगति नवसोच साथ ले,
अरुणिम अम्बर खग चहक रहे।।
होश रहे नित नये जोश में,
संकल्प धीरता साथ रहे।
उद्देश्य नेक पथ सत्य न्याय में ,
आत्मबली स्वयं विश्वास रहे।
रत सदा धर्म संघर्ष राह में ,
निर्भय बाधा से नित्य लड़े।
हालाहल या सुधा जलधि में,
मंथन नित साहस तभी मिले।
शुभ मंगल बजरंग कृपा से,
भय संकट पीड़ा सभी कटे।
सतत ध्येय रथ जो उद्योगी,
नित सिद्धि विनायक साथ रहे।
नया सबेरा नित जीवन में,
किसलय निकुंज नव रंग भरे।
गंध कुसुम पिक मधुर गान से,
मुस्कान अधर सुख अमर रहे।
डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली