कोरोना ने तो वैसे यारों,
सबको बहुत रुलाया है ।
मगर साथ ही इस दुश्मन ने
जीवन संकल्प सिखाया है ।
पल पल भाग रहे जीवन को,
थोड़ा सा ठहराया है ।
अपनो से जो बहुत दूर थे ,
फिर से उन्हें मिलाया है ।
मानवता के पिंजर से ,
स्वारथ का अंश मिटाया है।
संयम कितना आवश्यक है,
यह भी पाठ पढ़ाया है ।
बहुत दिनों से बिछड़े अपने,
वर्षो बाद मिलाया है ।
अपने अपने ही होते हैं,
यह भी तो दिखलाया है ।
पल पल भाग रहे जीवन को ,
थोड़ा सा ठहराया है।
सुषमा दीक्षित शुक्ला