मैं मजदूर,
मत कहो मुझे बेचारा
चला जा रहा अपने पथ पर
बिन संबल के अपने दम पर
संग ले के अपना दुलारा
मत कहो मुझे बेचारा
वर्षों से तुम सबकी,
सेवा मैं करता आया
खून पसीना बहा के अपना,
तिजोरी तुम्हारी भरता आया
लाचार हुआ तो सबने मुझसे,
कर लिया किनारा
मत कहो मुझे बेचारा
पता चलेगा बुरा वक्त,
जब मेरा चला जाएगा
बिन मेरे तू कुछ भी अपना,
काम नहीं कर पाएगा
राह तकेगा पग पग मेरी,
मुझमें ढूँढ़ेगा सहारा
मत कहो मुझे बेचारा
मैं मजदूर,
मत कहो मुझे बेचारा
चँद्रमुखी "सहरावत"लोनी, गाजियाबाद (उ०प्र०)