बने सारथी मातु भारती,
चले विजय रण कफ़न बांध के।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
तन मन धन न्यौछावर कर दे।
गज़ब मुहब्बत आन वतन के,
दिए शहादत बन शहीद के।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
जल थल नभ उत्तुंग शिखर पे।
महाकाल विकराल मौत बन,
दुश्मन दल पर कहर टूटते।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
भारत माँ के पूत दूलारे।
सागर जंगल पर्वत दर्रे,
चले साहसी दुर्गम पथ पे।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
महाप्रलय शत्रुंजय बन के।
मोहरहित जीवन चिन्ता से,
नित शहीद बन दी शहादतें।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
शौर्य मुहब्बत नित स्वीकारे।
वीर सपूत तिरंगा लिपटे ,
भारत माँ लोचन भर आए।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
वतन कर्ज़ बलिदान उतारे।
अमर मुहब्बत भक्ति देश पे,
हे शहीदों ! ऋणी जनता ये।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
रिपुमर्दन हम करने वाले।
नाम निशां नापाक मिटाने,
बदला लेंगें गिन शहीद के।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
भारत प्रमुदित कोख़ सुहाने।
अचल कीर्ति अनमोल धरोहर,
चन्द्र भानु सागर यश गाएँ।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
वतन शहादत स्वर्ग सिधारे।
मातृभूमि जननी द्वय पुलकित,
पा कर्मवीर जयगान करे।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
जज़्बात राष्ट्र परवान चढ़े ।
महारथी रणकौशल शहीद,
आतंक पाक चीनी थर्राये।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
सियाचीन शिखर व द्रास चढ़े।
लहराए तिरंग ध्वजा वतन,
हे शहीद! युग यशगान करें।
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
निज शब्द नीर तव चरण धुले।
नित कृतज्ञ लखि वीर शहादत,
नमन शहीदों वतन प्यार पे ।
डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली