स्वागतम स्वागतम , स्वागतम स्वागतम ।
है धरा खिल उठी , है गगन झूमता ।
हर डगर झूमती है नगर झूमता ।
फूल इतरा उठे , मन चमन झूमता ।
पुष्प के हार बेचैन, हैं खुद सनम ।
खिल उठे दिल , पड़े आपके जो कदम ।
स्वागतम स्वागतम, स्वागतम स्वागतम ।
आप का आज आना ,बड़ी बात है ।
आपके शुभ कदम ,एक सौगात है ।
अब तो महफ़िल हंसीं हो गयी एक दम ।
खिल उठे दिल पड़े आपके जो कदम ।
स्वागतम स्वागतम ,स्वागतम स्वागतम ।
दिल प्रफुल्लित हुआ आपके प्यार से ।
शुभ मिलन के सुखद एक उपकार से ।
रूह हर्षित हुई ,खुश हुए मन बदन ।
खिल उठे दिल पड़े ,आपके जो कदम ।
जिंदगी का सफ़र आज सार्थक हुआ ।
आपका जब दरश पा गये आज हम ।
स्वागतम स्वागतम ,स्वागतम स्वागतम ।
सुषमा दीक्षित शुक्लाराजाजीपुरम , लखनऊ (उ०प्र०)