डरा सकेगा कौन मुझे स्वयं राम का वंशज हूं।
अनंत काल से अनन्य अन्वन्य, अनपेत अनम्बर
आदि व्याधि नादी समाधि स्वयं नाभि का पंकज हूं।
सरिलम सरीसृप सरू सर्क सव सर्व मेरे सहचर है
शूल शर शायक अस्त्र शस्त्र मेरे अवनि का अंडज हूं।
अग्नि अनल अनुज अनिल संग अचल में वास मेरा
यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार का संगम हूं।
आदिनाथ आदिदेव हमारे गौरक्ष नाथ गुरुवर राम के
वाणी मिथ्या नहीं योगी की मै ही नाथ हूं मै ही अखंड हूं।
अशोक योगी "शास्त्री"कालबा नारनौल (हरयाणा)