शत्रु सैनिक में खौफ हित, रुद्र औ शंकर चाहिए।।
शत्रु को उसी के घर में, मात देनी चाहिए।
चक्रव्यूह ऐसा हमें, अब बनाना चाहिए।।
साहस-शौर्य के संग, खड़े होना चाहिए।
इरादे और भी अधिक, बड़े होना चाहिए।
श्री कृष्ण-सा सुदर्शन चक्र, बना लेना चाहिए।
पार्थ-सा ही सेनापति, बना लेना चाहिए।।
ध्वस्त करे दुश्मन को, शस्त्र लेना चाहिए।
सरहद पर घुसपैठ अब, खत्म होना चाहिए।।
नाकों चने चबवा देना, निश्चय ही चाहिए।
दांतों तले उंगली तो दबवा देनी चाहिए।।
दिनेश कुमार मिश्र "विकल" - अमृतपुर , एटा (उ०प्र०)