राम ने भी ना खाया रहम मुझ पे थोड़ा
मेरी बर्बादी का देखा सबने नजारा है
अब तेरी याद मेरे जीने का सहारा है
गम के ये आँसू हाय पिऊँगा मैं कैसे
मैं तो हूँ बहता दरिया यादें किनारा है
अब तेरी याद मेरे जीने का सहारा है
रात की तन्हाईओं में आँसू बहाये है
चाँद भी छुप गया टूटा किस्मत का तारा है
अब तेरी याद मेरे जीने का सहारा है
निर्दोष दिल का दर्द कोई ना जाना
मजनू आबारा पागल कहके पुकारा है
अब तेरी याद मेरे जीने का सहारा है
कुमार निर्दोष - (दिल्ली)