प्यारे तू सब देखता है !
तूने तकदीर लिखी है,
मेरी इसमें क्या खता है !
मैने तो वो ही किया है ,
तू जो मेरे से करवाता है !
मेरी हर सांस तेरी दी हुई ,
मेरी सांसों मे तू बसाता है !
अब मै पापी हुं या पुजारी ,
प्यारे ये सब तू जानता है !
मेरी जीवन डोर तेरे हाथों मे,
प्यारे तू सबका विधाता है !
तेरा ही लिखा हुआ सब है,
मन जो तेरी और भागता है !
चीनू गिरि - देहरादून (उत्तराखंड)