अधूरी रह जाती है मोहब्बत ये सोच लेना
अधूरी मोहब्बत की दास्ताँ न पूछो
दिल टूट जाता है कभी किसी से दिल न लगाना
अधूरी मोहब्बत का सितम न पूछ अतुल दीवाने से
तन्हा शायर बन जाता है मोहब्बत के पैमाने से
बड़ी अजीब कश्मकश में डाल देती ये अधूरी मोहब्बत
न जीने देती न मरने देती ये अधूरी मोहब्बत
जिसकी ख़ातिर चढ़ा ये नशा शायरी का
वो मेरी पहली अधूरी थी एकतरफा मोहब्बत
अतुल पाठक - जनपद हाथरस - (उत्तर प्रदेश)