हर जिम्मेदारियों को निभाती हैं
सलाम है उस खातून को
जो घर को घर बनाती हैं....
जमाने भर की मस्ती को
नारी अपने निगाहों में समेटा है
गली से जिस्म को
कितनी बहरों में वह लपेटा है....
स्नेह की प्रतिमा, नारी जो देवी है
रूप बहन का लेकर नारी हमें भाई बनाती है
पत्नी बन कर घर आए, घर को स्वर्ग वह बनाती है
बेटी की रूप लेकर, सोए भाग्य को वह जगाती हैं....
नारी शक्ति तुम क्या जानो
कितनी पीड़ा वो सकती है
नौ माह तक अपनी शिशु को
जो कोख में लेकर रहती है....
मासिक धर्म की पीड़ा से
जो खून से लथपथ रहती है
इतना पीड़ा जो सहती हैं
यह नारी शक्ति का प्रमाण है,
जो कुछ ना वह कहती है....
नारी स्नेह ममता की सागर है
नारी शक्ति और भक्ति की गागर है
भाव में वह दिलदार हैं
सौंदर्य में वह शानदार है....
है नारी, हुआ तुम सा ना कोई पहला
ना होगा कोई दूसरा
हे नारी अब खुदा भी आसमान से देखता होगा
वह तुझे जरूर सोचता होगा....
शक्ति का रूप है वह नारी
ममता की है वह परिभाषा
दर्द उसे तोड़ ना सके
वह है नारी, जिसमें प्यार की है जिज्ञासा....
नारी जो गौरव का गान है
नारी जो रचा विधान है
जो दुर्गा के अवतार है
वो लक्ष्मी सरस्वती का नाम है....
यह नारी है सरोजिनी, यही ही है इंदिरा
यही है टेरेसा यही है लोपामुद्रा
सुर में सरगम यही है लता मंगेशकर
ऐश्वर्या की प्रतिमा ऐश्वर्या ही दिव्या सुंदर....
जब माथे में होती है घुंघट उसकी
तब्बू कहलाती है हिंदुस्तानी
मत समझो उसको आंवला
समय पर बनती है वो झांसी की रानी....
नारी पर्दे में हो तो
वह कहती है शर्मीली
दुष्टों का संहार करने पर
वह बनती है महाकाली....
यह नारी सृष्टि की है जननी
उसकी अपमान मत करो
हमारे मानवता यही सिखाती है
नारी की सम्मान करो....
अब बदल गया है जमाना
हर क्षेत्र में है नारी
पुरुष के संग कदम मिलाकर
अब नारी चलने लगी है जो सब में पड़ेगा भारी....
यह नारी शक्ति है
उसके रूप है अनेक
सभी युग और कलो में
इतिहास के पन्नों में,
नारी शक्ति का है उल्लेख....
नारी पुरुष से न कम है
यह नारी जो पुरुष के न समान है
यह नारी की वह शक्ति हैं
जो उत्कृष्ट से हो कर विशिष्ट में उभरती है....
जिसकी करुणा है अपार
उसकी मानवता है अमरूद की धार
वह नारी की है प्यार
यहीं से होती है नारी शक्ति का संचार....
मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)