बंधन मुझे स्वीकार नहीं
मै भष्म भभूत लगाने वाला
चंदन मुझे स्वीकार नहीं।
रूद्र भूत गणादि परिजन मेरे
गिर वनवासी है स्वजन मेरे
मै शमशानों में रहने वाला
नंदन वन मुझे स्वीकार नहीं।
सिंह शावक सब मेरे साथी
नंदी नाग मयूर और हाथी
मै व्याघ्र चर्म पहनने वाला
रेशमी वसन मुझे स्वीकार नहीं।
दिग दिगंबर सारा मेरा
अवनि अंबर प्यारा मेरा
मै कंकड़ पत्थर पर सोने वाला
कंचन मुझे स्वीकार नहीं।
अशोक योगी "शास्त्री" - कालबा नारनौल (हरियाणा)