यूँ इबादत किया कीजिऐ ।।
बस यही राह जीने की है ।
खवाब हर दिन बुना कीजिए ।।
कोई कुछ भी न कर पायेगा ।
गम न सब से कहा कीजिए ।।
शौक ही गर लड़ाई का है ।
हक़ की खातिर लड़ा कीजिए ।।
लोग सारे ही गद्दार है ।
जान किस पे फ़िदा कीजिए ।।
अंदाज़ अमरोहवी - अमरोहा (उत्तर प्रदेश)