तुम्हे शत् शत् बार बधाई है।
जो बीत गया वो दौर बुरा था,
नव सृजन करो नव निर्माण करो।
नव श्फ़ुर्ति का संचार करो मन में,
विश्वास रुपी अंकुर फूटे जिसमें।
सपनो को नित्य आयाम मिले,
मिले तुम्हे तुम्हारी मंजिल,
नयी राहों का आगाज करो।
जन्मदिन है आज तुम्हारा,
तुम्हे सौ सौ बार बधाई हो।
पुरुषार्थ करो, पुरुषार्थी बन कर,
नव सृजन कर्, नव निर्माण करो।
आशाओं को मिले नये रंग,
विश्वासों को मिले नये पंख।
जीवन को नयी उडा़न मिले।
तुम्हे हरपल नयी बहार मिले।
जन्मदिन है आज तुम्हारा...
विभा कुमारी - मुजफ्फरपुर (बिहार)