धड़कन ने आराम किया है
इश्क़ इबादत दीवानों की
धोखे ने बदनाम किया है
गाँव गली सब सदमे में है
रातों रात गुलाम किया है
ढूंढे कातिल हर दिल मे वो
जिसने कत्लेआम किया है
दौलत की नाज़िश में उसने
रिश्तों को नीलाम किया है
तन्हाई ने कुछ दिन से तो
जीना यार हराम किया है
आज विधायक जी आयेंगे
छमियां का इंतज़ाम किया है
दीवाना है गुस्ताख़ तिरा
ये दिल तेरे नाम किया है
रोहित गुस्ताख़ - दतिया (मध्यप्रदेश)