अतुल पाठक "धैर्य" - जनपद हाथरस (उत्तर प्रदेश)
बेटी - कविता - अतुल पाठक
गुरुवार, अक्टूबर 01, 2020
स्वागत के साथ आने दो बेटी,
घर-घर में भाग्य लाती है बेटी।
मुस्काए तो लगती सुमन बेटी,
अंधकार में उजाले की किरण बेटी।
चिड़िया की तरह चहकती है बेटी,
पढ़लिख कर इतिहास रचती है बेटी।
निश्चल मन उसका नदी जैसा,
नाज़ों से पालो परी होती बेटी।
बेटे की तरह पढ़ाओ बेटी,
कम न कभी आँको बेटी।
सुख का नया सवेरा लाती बेटी,
आशा का दीप नित जलाती बेटी।
थककर आएं पिता जब घर पर,
दौड़कर जलपान कराती बेटी।
बड़े जब ध्यान न रखें अपना,
खूब डाँट लगाती बेटी।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर