हिन्दी सप्ताह
हिन्दी पखवाड़ा
हिन्दी हिन्दी
चिल्लाते हैं।
कैसे कहें कुछ
इन महाजनो को
मजे से कबीर को
फाड़-फाड़ कर
पान के साथ
चुभलाते हैं।
तुलसी की तो
शामत ही हैं,
रत्नावली को
भी फाड़ फाड़
मन ही मन
इतराते हैं।
रामायण लिखते
दिखते तुलसी पर
कोई दया नहीं खाते
शून्यो की श्रृंखला से
उनका मान बढ़ाते हैं।
फिर भी
हिन्दी दिवस
हिन्दी सप्ताह
हिन्दी पखवाड़ा
गर्व से मानते हैं
हम हिन्दी हिन्दी
चिल्लाते हैं।
राजीव कुमार - जगदंबा नगर, बेतिया (बिहार)