भारत की विशेषता का प्रतीक हिन्दी।
विविधता में एकता भारत की पहचान।
भाषाओं की समग्रता हिंदी की पहचान।
बिना हिन्दी के बेजान- निष्प्राण भारत।
मधुर भाषा हिन्दी से बना महान भारत।
भारतीय विशेषता उदारता धर्मनिरपेक्षता।
हिंदी की विशेषता आदर भाव व मधुरता।
जन-जन को एकसूत्र में बांधती है भाषा।
स्नेहांचल-सुख प्रदान करती मीठी भाषा।
अठारह प्रांतीय भाषा को समेटती भाषा।
श्रेष्ठ चिंतन, मनन, ग्रंथों की आधार भाषा।
कवि तुलसी, सूर, बिहारी,कबीर की भाषा।
भारतेंदु हरिश्चंद्र, प्रेमचंद की पहचान भाषा।
विराटता, दिव्यता देती महापुरुषों को भाषा।
भारतीयों को नया आयाम देती हिन्दी भाषा।
विश्व पटल पे खड़ा अडिग अटल भारत है।
सांस्कृतिक छवि समेटे हिंदी है तो भारत है।
सुनीता रानी राठौर - ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)