कुन्दन पाटिल - देवास (मध्यप्रदेश)
तुम्हारी यादें - कविता - कुन्दन पाटिल
सोमवार, सितंबर 28, 2020
हर क्षण, हर पल
हर कही हर जगह
केवल और केवल
तुम्हारी ही यादें।
दूर हो प्रिय तुम
पर पास है मेरे
सिर्फ और सिर्फ
तुम्हारी ही यादें।
दर्द यह प्यारा सा
खामोशी के नजराणा सा
अनुपम उपहार सा
तुम्हारी बस यादें।
मुस्कुराता हूँ मैं
उदास भी हो जाता हूँ मैं
क्यों आखिर क्यों?
तुम्हारी बस यादें।
ख्वाब बस तुम हो
उम्मिद भी तुम हो
कल्पनाओं का सागर तुम
और तुम्हारी बस यादें।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर