सुधीर श्रीवास्तव - बड़गाँव, गोण्डा (उत्तर प्रदेश)
लाचार - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
शुक्रवार, अक्टूबर 02, 2020
गांधी तेरे देश में
आज भी तेरे बंदर मौन हैं,
अब तो लगता है
उन्होंने ने भी इसे
नियति का खेल समझ लिया है
क्योंकि अब वे भी विचलित कहां हैं
तभी तो अन्याय, अत्याचार,
नीति अनीति, भ्रष्टाचार
लूटमार, हत्या, बलात्कार
राजनेताओं के कारनामों पर
एकदम मौन हैं,
आँख, कान, मुँह बन्द किये
जैसे बड़ा ही चैन है।
उन्हें पता है कि
क्या क्या हो रहा है,
आपके नाम का तो
असर खो रहा है,
आपके मौन का
पूरा असर दिख रहा है,
आपके आदर्श महज
मजाक बन रहे हैं।
लगता है आपके बंदर भी
आपकी तरह लाचार हैं,
आपके इस देश में शायद
दो अक्टूबर को
आपको याद कर लेना ही
सबसे बड़ा विचार है।
ऐसा लगता है कि देश में
गांधी ही सबसे लाचार हैं।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर