डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली
साथी हाथ बढ़ाना - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
सोमवार, नवंबर 30, 2020
चला राष्ट्र पथ निर्माणक बन,
नयी प्रगति नित शुभ शान्ति चमन,
आगत पथप्रदर्शक बन पाऊँ,
मानक साथी हाथ बढ़ाना।
कठिन डगर है जीवन पथ यह,
विविध विघ्न आहत दुर्जन पथ,
ख़ुद रथी सार्थवाह बन जाऊँ,
रनिवासर साथी हाथ बढ़ाना।
नीति प्रीति रथ चढ़ यायावर,
विश्वास स्वयं बढ़ूँ ध् येय पथ,
मानस साहस धैर्य बढ़ाऊँ,
सम्बल साथी हाथ बढ़ाना।
बड़ा विकट है संघर्षक पथ,
दुर्गम कँटिल पाषाण जटिल तम,
सर्वदा सच राह चल पाऊँ,
बस तुम साथी हाथ बढ़ाना।
लिपटा छल बल झूठ लेप जग ,
घृणा द्वेष लिप्सा कामुक रग,
कोप मोह से स्वयं बचाऊँ,
बढ़ नित साथी हाथ बढ़ाना।
राष्ट्र धर्म रत भक्ति सघन मन ,
भारत माँ दर बलिदानी बन,
वसुधा जीवन दीप जलाऊँ,
ऐसा साथी हाथ बढ़ाना।
अमर शहीदों के नमन चरण रज,
जयगान हिन्द गा तिरंग वतन,
आन सम्मान शान रख पाऊँ,
अविरत साथी हाथ बढ़ाना।
मानवीय नैतिक पथ मूलक ,
पलभर खुशियाँ मुस्कान अधर,
नित परहित सेवन कर पाऊँ,
बस तुम साथी हाथ बढ़ाना।
तन मन धन सीमान्त वतन,
अरमान राष्ट्र बलिदान यतन,
हर सैनिक को शीश झुकाऊँ,
तुम नित साथी हाथ बढ़ाना।
सदा पीडित रह कृषक भूमि पर,
हरित भरित भू कर निशिवासर,
मैं उन सबका कर्ज चुकाऊँ,
तुम नित साथी हाथ बढ़ाना।
जाति धर्म नफ़रत से उठकर,
समरसता सद्भावन रथ पर,
नव अभिलाष रश्मि बन पाऊँ,
प्रेरक साथी साथ निभाना।
लूट पाट दुष्कर्म पटा जग,
नारी का अपमान करे नर,
बेटी निर्भय सबल बनाऊँ,
सब मिल साथी हाथ बढ़ाना।
सजग सफल जीवन सुखमय पल,
फैले खुशियाँ धन यश वैभव,
नित अरुणिम प्रभात बन पाऊँ,
बन पथ साथी हाथ बढ़ाना।
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