रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)
हरि हर लो पीर हमारी - कविता - रमाकांत सोनी
सोमवार, नवंबर 23, 2020
हे परमेश्वर हे भगवान
दीन बंधु हे दया निधान
जगतपति जग पालन कर्ता
संकट मोचन सब दुख हर्ता।
सृष्टि नियंता हे गिरधारी
नटवर नागर चक्रधारी
माधव मुरली वाले सुन लो
आकर हर लो पीर हमारी।
मंझधार में नाव पड़ी है
कैसी ये संकट की घड़ी है
कोरोना का कहर हो रहा
दुखी सारा संसार रो रहा।
सुख के बादल अब बरसा दो
खुशियों के अच्छे दिन ला दो
मौत का तांडव छाया है
सुख का सागर आप बना दो।
मुँह ढकने को है मजबूर
आपस में हो रहे हैं दूर
आकर प्रभु संकट हर लो
विनती अब मंजूर कर लो।
तुम तो करुणा के सागर हो
कृष्ण गोविंद नटवर नागर हो
सारे जगत के तुम रखवाले
घट घट वासी आप मगर हो।
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