रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)
मोक्ष धाम पावन भूमि है - कविता - रमाकांत सोनी
बुधवार, दिसंबर 02, 2020
अटल सत्य जीवन का मृत्यु,
पहले तुम स्वीकार करो,
मोक्ष धाम पावन भूमि है,
इस भूमि से प्यार करो।
सत्कर्मों को प्रेरित करती,
कड़वा सच बताती है,
खाली मुट्ठी आए जग में,
जीवन का सार दर्शाती है।
जग सराय में आना-जाना,
दो पल का बस डेरा है,
कुछ साँसों की सरगम है,
कुछ सांसो का फेरा है।
सद्भावों के जल से हमको,
फूल खिलाने का,
सुख-दुख बांटकर दुखियों के,
पुण्य कमाने का।
जन्म मरण का युगो युगो से,
गहरा नाता है,
गंगाजल सा निर्मल मन,
आकर यहाँ हो जाता है।
आठों याम जहां शिव शंकर,
बाबा भूतनाथ का डेरा,
ठिकाना अंतिम यात्रा का,
नए जीवन का सवेरा।
दुनिया में बस सब कर्मों का,
हिसाब चुकाना है,
ना कुछ लेकर आए थे तुम,
ना कुछ लेकर जाना है।
जब भावों का सागर उमड़े,
मन वीणा के तार बने,
शब्द शब्द मोती बन जाए,
कविता की झंकार बने।
कुछ खोया सा मिल जाता है,
मिला हुआ खो जाता है,
सुख-दुख की यादों का देखो,
कोई कागज नम हो जाता है।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर