कानाराम पारीक "कल्याण" - साँचौर, जालोर (राजस्थान)
नव वर्ष लाए खुशियों भरी बहार - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
मंगलवार, दिसंबर 29, 2020
नव वर्ष लाए खुशियों भरी बहार,
कोरोना मुक्त हो सारा यह संसार।
ना कहीं भय का कोई आलम हो,
ये दुनिया फिर पकड़ ले नई रफ़्तार।
नव वर्ष लाए खुशियों...
आम जन की हर बात सुनी जाए,
सलावा ना बने इन नेताओं की सरकार।
हर कोई नाजुक हालात से उभर आए,
ना कहीं भी हो दुःखों की भरमार।
नव वर्ष लाए खुशियों...
हर-घर में प्रकाश किरण की पहुँच हो,
अंधकार सब मिटे, रोशनी आए द्वार।
ना किसी को मोहताज़ होना पड़े,
ग़म छोड़ के खुशी के गीत गाए संसार।
नव वर्ष लाए खुशियों...
आने वाला कल मंगलकारी हो,
खाली झोली सबकी भरे बारम्बार।
ना कोई भूखा-प्यासा लाचार हो,
झूठ-कपट की साजिशें हो निराधार।
नव वर्ष लाए खुशियों...
समय की चाल हर कोई समझ पाए,
किसी को ना रहना पड़े बन के गंवार।
ना कोई गफ़लतों से कहीं लूटा जाए,
अपनी ही ख्वाहिशों का कर के संहार।
नव वर्ष लाए खुशियों...
बेरोजगारी के बुरे दिन कट जाए,
अनायास हाथ आए धन का अंबार।
सुखी जीवन जिए और जीने दे,
धरा पर नज़र आए सुख का संसार।
नव वर्ष लाए खुशियों...
चहुंओर कामयाबी का झण्डा बुलंद हो,
अमन-ओ-चैन दिलों में बस जाए अपार।
ना कोई बहन बेटी हवस की शिकार हो,
नासुरों पर नकेल लग जाए हजार।
नव वर्ष लाए खुशियों...
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