कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी - सहआदतगंज, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
दीदार ए लखनऊ - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
शनिवार, जनवरी 30, 2021
लखनऊ की फ़िज़ा का
अपना ही रंग है,
सारे जहां को खुशबू
ये गुलाब ही पसंद है।
अपना लहज़ा अपनी
नज़ाकत में ए लखनऊ,
मुझे तेरा पहले आप का
मेहमानी ढंग ही पसंद है।
फिर चौक का मक्खन
सुनारी गोल दरवाजा,
भूलो की भूलभुलैया में
लखनऊ तेरा दीदार
मुझे आज भी पसंद है।
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