अजय गुप्ता "अजेय" - एटा (उत्तर प्रदेश)
कविता - कविता - अजय गुप्ता "अजेय"
शुक्रवार, फ़रवरी 26, 2021
कविता मुहब्बत की ज़ुबान है।
कविता बलिदान शोर्य गान है।
घृणा उकसावे से दूर,
मानवता से भरपूर,
साहित्य की यह सच पहचान है।
संवेदना धरातल टिकी शान है।
कविता मुहब्बत की ज़ुबान है।
जाति धर्म सम्प्रदाय से दूर,
भाषा वर्ण अभिप्राय न कूर,
कट्टरता जड़ों में मठ्ठा समान है।
कविता मुहब्बत की ज़ुबान है।
करुणा दया से परिपूर्ण,
श्रंगार रस भी भरपूर,
कविता ज़ख़्म मरहम समान है।
हरदिल अज़ीज़ यह ज़ुबान है।
कविता मुहब्बत की ज़ुबान है।
ओज प्रचंड वेग चूर,
हास्य-व्यंग से भरपूर,
मानवीय दृष्टिकोण अपार है।
साश्वत बह रही काव्य रसधार है।
कविता मुहब्बत की ज़ुबान है।
समाजिक परंपरा आडंबर,
राजनीति छल कपट बबंडर,
कविता मुखर संवेग हर ज़ुबान है।
संस्कार-संस्कृति धरा सम्मान है।
कविता मुहब्बत की ज़ुबान है।
कवि ह्रदय चिंतन मनन,
सारगर्भित शब्द चयन,
कविता में निहित आधार है।
देवनागरी में व्यापक सार है।
साधना है कविता, नही कोई व्यापार है।
अंतर्मन कवि बेदना-संवेदना संसार है।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर