डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी" - गिरिडीह (झारखण्ड)
आबुआ सु झारखण्ड राज - पंचचामर छंद - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
शनिवार, फ़रवरी 27, 2021
१.
उषा सुना रही कथा महान काल खण्ड की।
बता रही कथा सुवर्ण राज्य झारखण्ड की।।
महान राज्य झारखण्ड प्रेम का प्रतीक है।
रही न पार्वती अभी रहे न पुण्डरीक है।।
भरे पलाश सागवान वृक्ष से चतुर्दिशा।
मृदंग ढोल बाँसुरी बजे यहाँ अहर्निशा।।
उराँव कोल भील आदि जातियाँ विराज है।
यही महान आबुआ सु झारखण्ड राज है।।
२.
सुजान झारखण्ड के सुशील सौम्य नेक हैं।
कृपानिधान पार्श्वनाथ की कृपा अनेक हैं।।
अगाध रत्न से भरा मनोहरा प्रदेश है।
न पाप है न ताप है न ही यहाँ कलेश है।।
प्रबुद्ध वर्ग देश के प्रदेश को उबारते।
परम्परा प्रदेश की स्वहस्त ही सँवारते।।
करे सभी खुशी-खुशी विभिन्न रूप काज है।
यही महान आबुआ सु झारखण्ड राज है।।
३.
लिए मशाल क्रांति की चले यहाँ महारथी।
लड़े सुराज के लिए महान वीर सारथी।।
रुके नहीं बढ़े सदा लिए मशाल हाथ में।
उमंग जोश ओज से चले महान पाथ में।।
हुए शहीद झारखण्ड के हजार बागबां।
लुटा दिए निमेष में सुराज के लिए स्व जां।
गिरी असंख्य वीर पे हजार बार गाज है।
यही महान आबुआ सु झारखण्ड राज है।।
४.
निसर्ग साधना करे पिशाच भूत से डरे।
अरण्य नीर भूमि के लिए सदा जिये मरे।।
तपान को प्रसाद रूप मान के जिए सभी।
प्रभाव बाहरी बताय मद्य भी पिये कभी।।
समाप्ति के कगार पे शिकार आज हो चला।
विकास का प्रदीप्त दीप झारखण्ड में जला।।
प्रशासकीय तंत्र का कृतज्ञ ये समाज है।
यही महान आबुआ सु झारखण्ड राज है।।
५.
प्रभाव उग्रवाद का सु झारखण्ड में पड़ा ।
अशांति का प्रकोप भी समीप आ हुआ खड़ा।।
मचा बवाल झारखण्ड में अतीव जोर से।
लगी रही प्रशासकीय तंत्र जोर-शोर से।।
विकास मानचित्र में बढ़ोतरी हुई सही।
थमा अशांति का प्रकोप प्रेम की हवा बही।।
कहे सभी मरांग झारखण्ड के नवाज है।
यही महान आबुआ सु झारखण्ड राज है।।
६.
सदाबहार वृक्ष झारखण्ड में अपार है।
नदी पहाड़ पाट भ्रंश ढाल बेशुमार हैं।।
करंज ढाक केंद आम नीम का बहार है।
चना मसूर मूंग धान गुंदली जवार है।।
झरे प्रपात स्नेहशिक्त पंचघाघ गोद से।
रहे सभी सदा यहाँ प्रशांति औ प्रमोद से।।
हँसे प्रदेश धार के महा सुवर्ण ताज है।
यही महान आबुआ सु झारखण्ड राज है।।
७.
करे विकास झारखण्ड कामना करे सभी।
अशांति पाप ताप से घड़ा नहीं भरे कभी।।
विभिन्न खेलकूद में प्रदेश अग्रणी रहे।
ममत्व प्रेम भक्ति का बयार प्रान्त में बहे।।
भरे उड़ान आसमान पे सभी अहर्निशा।
रहे सुराज झारखण्ड का सही दशा दिशा।।
महान प्रान्त पे हमें सदा अतीव नाज है।
यही महान आबुआ सु झारखण्ड राज है।।
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