एल. सी. जैदिया "जैदि" - बीकानेर (राजस्थान)
गजरा क्या गिराया तुमने यूँ राहों में मेरी - ग़ज़ल - एल. सी. जैदिया "जैदि"
शुक्रवार, मार्च 19, 2021
आ के तुने ये जीवन फिर से दिला दिया।।
परियो ने जैसे आकर अमृत पिला दिया।।
मख़मली हाथो से जब छूआ, उसने मुझे,
लगा ऐसे अंदर तक मुझको हिला दिया।।
दरबदर भटकता रहा जुस्तजू मे मैं तेरी,
इक झुमके ने तेरे मुझको यूँ मिला दिया।।
गजरा क्या गिराया तुमने, यूँ राहों में मेरी,
लगा हयात को, गुलाब सा खिला दिया।।
ख़ुद को भूला दिया था मैने यादो मे तेरी,
अँखियों ने तेरी मुझको मध पिला दिया,
क़ाबिल न था ये "जैदि" उल्फ़त का तेरी,
कर के इक़रार तुने प्यार का सिला दिया।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर