आलोक रंजन इंदौरवी - इन्दौर (मध्यप्रदेश)
यहाँ रंगों की मस्ती है - ग़ज़ल - आलोक रंजन इंदौरवी
सोमवार, मार्च 29, 2021
यहाँ रंगों की मस्ती है यहाँ रंगों की धारा है।
सुहानी लग रही धरती यहाँ मौसम भी प्यारा है।।
चलो रंगीन जलवे में मनाएं हम सभी होली,
यही खुशियों का ज़रिया है यही फागुन का नारा है।
ये नफ़रत को मिटाकर प्रेम की बरसात करती है,
इसे कहते हैं होली और ये सबको गंवारा है।
मिटाकर दूरियाँ सबकी यही संदेश देती है,
ये सदियों से हमारी खुशनसीबी का पिटारा है।
नहीं है धर्म का बंधन न कोई जाति का बंधन,
बड़ा छोटा सभी में इसने अपना रंग उतारा है।
ये भारत की धरा को एकता का सूत्र देती है,
यही सद्भावना की एक बहती गंग धारा है।
सभी हैं एक रंगों में करो पहचान तुम 'रंजन',
सभी शादीशुदा हैं कोई ना लगता कुंवारा है।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर