कानाराम पारीक "कल्याण" - साँचौर, जालोर (राजस्थान)
ये उम्र तेरे प्यार की - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
शुक्रवार, मार्च 19, 2021
यूँ ना छिप-छिपकर,
तुम अब जिया करो।
घड़ी निकल ना जाए,
प्रेम के इज़हार की।
बहुत ही छोटी-सी है,
ये उम्र तेरे प्यार की।
अब तक स्थिर होकर,
यूँ वक़्त ना गंवाया करो।
जहाँ भी है दिवानंगी,
वो रीत है संसार की।
बहुत ही छोटी-सी है,
ये उम्र तेरे प्यार की।
जवानी की मुस्कान भर,
मस्ती में झूमा करो।
दिली ख्वाहिश है अब,
जो तुम्हारे दिलदार की।
बहुत ही छोटी-सी है।
ये उम्र तेरे प्यार की।
हिरणी-सी चाल पाकर,
यूँ बाहर आया करो।
ये हर घड़ी पल है,
नयनों के तकरार की।
बहुत ही छोटी-सी है,
ये उम्र तेरे प्यार की।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर