जे. पी. सहज - सीकर (राजस्थान)
ये अपना वतन है - गीत - जे. पी. सहज
सोमवार, अप्रैल 12, 2021
नफ़रत की दीवार, हमको नहीं चाहिए,
ये मज़हबी तकरार, हमको नहीं चाहिए।
ये अपना वतन है, प्यारा वतन है
हम सबका वतन है, ये सारा वतन है
ये अपना वतन है, प्यारा वतन है
इस वतन को नहीं बाँटो,
इस वतन को नहीं बाँटो।
ये अपना वतन है...
रंग भगवा हमको प्यारा है,
रंग हरा भी प्यारा है,
शांति के प्रतीक रूप में
रंग श्वेत भी प्यारा है।
तीनों रंगों से मिलकर बना,
ये तिरंगा हमारा।
ये तिरंगा हमारा है,
मज़हब और रंगों में,
देश-भक्ति' नहीं छांटो ।
नहीं छांटो,
'देश-भक्ति' नहीं छांटो।
ये अपना वतन है...
दंगे-फ़सादों को अब छोड़ो,
इंसां से इंसां को जोड़ो,
मंदिर-मस्जिद के झगड़े में
मुल्क़ न हरगिज़ तोड़ो।
मुश्किल से यहाँ तक आए,
विकास-रथ को नहीं मोड़ो।
नहीं मोड़ो।
अब इस जनता को अलग मंसूबे नहीं बाँटो।
नहीं बाँटो, अलग मंसूबे नहीं बाँटो।
ये अपना वतन है...
इस वतन को नहीं बाँटो,
इस वतन को नहीं बाँटो।
ये अपना वतन है, प्यारा वतन है।
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