लोरी - गीत - प्रवल राणा "प्रवल"

मेरे लाल आजा सो जा, चंदा भी सो गया है।
निंदिया बड़ी ही प्यारी तेरी राह तक रही है।
तेरे इंतज़ार में तेरी माता भी जग रही है।
मेरे लाल आज सो जा, चंदा भी सो गया है।।

तू खेलता है घर में, किलकारी गूँजती है।
कोयल सी कुहू कुहू चहुँओर गूँजती है।
मेरे लाल आजा सो जा, चंदा भी सो गया है।।

मेरा कन्हैया तू ही आँखों का मेरा तारा।
मेरी ज़िंदगी का सपना तू ही मेरा दुलारा।
मेरे लाल आजा सो जा, चंदा भी सो गया है।।

अब रात बहुत बीती उनींदी सी तेरी आँखें।
सपने सुहाने देखें अब तेरी ये प्यारी आँखें।
मेरे लाल आजा सो जा, चंदा भी सो गया है।।

प्रवल राणा "प्रवल" - ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)

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