सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
सावन पर भी यौवन - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सोमवार, अगस्त 09, 2021
छमछम छमछम नाची है बरखा,
झम झम बरसे रे पानी।
देखो मिलन की रुत आई है,
लिखने को प्रेम कहानी।
मधुबन भी है मदहोशी में डूबा,
नाचे है मोर दीवाना।
पागल पपीहा पिऊ पिऊ बोले,
भौंरे ने छेड़ा तराना।
सावन पर भी यौवन है छाया,
गाती है गीत दीवानी।
छम छम छम छम नाची है बरखा,
झमझम बरसे रे पानी।
देखो मिलन की...
कुहू कुहू राग सुनाए कोयलिया,
याद सताए रे साजन की।
मन मोरा गीला तन मोरा भीगा,
भीगी चुनरिया दामन की।
मौसम नशीला है गीला गीला,
कलियों ने ओढ़ी जवानी।
छमछम छमछम नाची है बरखा,
झमझम बरसे रे पानी।
देखो मिलन की...
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर