मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)
कविता भावनाओं का शृंगार है - कविता - मधुस्मिता सेनापति
गुरुवार, अगस्त 12, 2021
कविता शब्दों का मायाजाल नहीं,
भावनाओं का शृंगार है।
कविता वर्णों का भार नहीं,
मानव हृदय की आवाज़ है।।
कविता सूखे पड़े ज़मीन पर
बरसात की ऐसी बूँदें हैं,
जैसे कोरे काग़ज़ पर अभिव्यक्त होने वाली
भावनाओं का आग़ाज़ है।
दुःखी के मुँह पर जो
हँसी ले आए,
शोषित के मन में जो
क्रांति ले आए,
वह कविता ही है
जो स्थिरता में भी
चंचलता भर ले आए,
वही कविता है
जो मानव हृदय की आवाज़ है।
कविता केवल सौंदर्य का बखान नहीं,
पीड़ा और दर्द का वह आतुर आवेग है।
कविता शब्दों का मायाजाल नहीं,
भावनाओं का शृंगार है।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर