डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' - नई दिल्ली
प्यार दीवाना होता है - कविता - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शनिवार, अगस्त 07, 2021
प्यार दीवाना होता है जीवन,
निश्छल निर्मल पावन मृदु सुहावन,
निर्विकार प्रेम नव कोमल किसलय,
आनंद मुदित मनुज मन छाता है।
सहज प्यार सतत प्रकटित अन्तर्मन,
विश्वास युगल प्रीति सुरभित चिलमन,
बहे सम मन्द पवन गति प्रीति लगन,
पुष्पित प्रीति प्रसून खिल जाता है।
बैचेन प्रेम युगल नवमीत मिलन,
रुख़सार नूर देख गुलज़ार सजन,
प्यार हेतु समर्पित दे तन मन धन,
स्वयं रिश्ते भी सदा भुलाता हो।
प्यार जलाए निशिवासर चैन अमन,
सप्तसिन्धु तरंगित रति काम मदन,
यह प्यार नशा मत्त मधुशाला बन,
निशिचन्द्र कला चारुतम मुस्काता है।
सुकुमार प्यार सृजित कुसुमाकर मन,
नवप्रीति अरुणाचल सतरंग किरण,
तूफ़ान तुल्य प्रीत आलिंगन मन,
रजनीगंधा प्यार महकाता है।
प्यार नया बरसता लखि मधुसावन,
रिमझिम फुहार भींग तनु मनभावन,
विरहाग्नि ज्वलित मनुहार बनी सजन,
अभिसार नैन जलज बरसाता है।
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