तेज देवांगन - महासमुन्द (छत्तीसगढ़)
वीर जवान - कविता - तेज देवांगन
रविवार, अगस्त 15, 2021
बादल गरजे, बिजली चमके,
ख़ून जमे या स्वेद बरसे,
खड़े वो सीना तान है,
मेरे देश के वीर जवान है।
हाँ मेरे देश के वीर जवान है।।
गोली की बौछार पे देखो,
बहते लहू की धार पे देखो,
खड़े वो सीना तान है,
मेरे देश के वीर जवान है।
हाँ मेरे देश के वीर जवान है।।
मन में दफ़न वो सारे क़र्ज़,
लगे गोली या कोई मर्ज़,
रखे वो देश का मान है,
मेरे देश के वीर जवान है।
हाँ मेरे देश के वीर जवान है।।
ग्लेशियर की छाती चीर,
दुश्मन से भी रखे ना पीर,
करते नहीं जो ज़रा अभिमान है,
मेरे देश के वीर जवान है।
हाँ मेरे देश के वीर जवान है।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर