डॉ॰ आदेश कुमार गुप्ता पंकज - सोनभद्र (उत्तर प्रदेश)
दीपक नया जलाना है - ताटंक छंद - डॉ॰ आदेश कुमार गुप्ता पंकज
गुरुवार, सितंबर 23, 2021
अत्याचार बढ़ा धरती पर, शिव को हमें जगाना है।
सत्य पड़ा ख़तरे में है अब, उस को हमें बचाना है।।
समर भूमि में दुश्मन आया, उसको मार भगाना है।
सारे जग में उजियाला हो, दीपक नया जलाना है।।
समर भूमि से निज कदमों को, पीछे नहीं हटाना है।
भाई-भाई में प्रेम जहाँ हो, भारत नया बनाना है।।
भव्य तिरंगा प्यारा-न्यारा, दुनिया में लहराना है।
सिंह दंत गिनने वाले हम, सबको यह बतलाना है।।
भूले भटकें लोगों को सुन, हम को पथ दिखलाना है।
सद कर्मों से हमको अपना, जीवन नित चमकाना है।।
रूठ गये जो अपने हमसे, उनको पुनः मनाना है।
निर्बल निर्धन लोगों को, मिलकर गले लगाना है।।
भारत माँ की बिंदी हिन्दी, हमको भाल सजाना है।
नफरत द्वैष भावना को सुन, मन से दूर भगाना है।।
तुलसी मीरा की भाषा ये, चंदन सी महकानी है।
मंदिर है गुरुद्वारा है ये, पुलकित हो अपनानी है।।
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