डॉ॰ कुमार विनोद - बांसडीह, बलिया (उत्तर प्रदेश)
फूल मुस्कुराते हैं - कविता - डॉ॰ कुमार विनोद
बुधवार, अक्टूबर 27, 2021
मुस्कुराने के लिए ज़रूरी नहीं
पूरी तरह
विज्ञापन में उतर जाना
इन्सान के लिए
तनाव रहित मस्तिष्क
और
पेट में अनाज का तिनका
होठों की परिधि में
मुस्कुराहट को संतुलित रखते हैं।
सिर्फ़ खुली हवा, पानी और धूप से
अहर्निश फूल मुस्कुराते हैं
इसीलिए
ज़िंदगी के अंत: सौंदर्य में
सबसे अच्छा है
मुस्कुराने का तरीक़ा फूलों से सीखना,
तमाम सक्रिय विरोधियों के होते हुए भी
मुस्कराने की तहज़ीब
नहीं छोड़ता है फूल।
भयंकर गर्मी, शीत, आँधी और तूफ़ान
इनके बीच मुस्कुराते रहना
कितना कठिन है
वह भी
ऐसे में,
जब सभी एक-एक कर बारी-बारी से
आज़माते हैं।
ये सही है कि
फूलों के लाख आग्रह पर भी
एक तबाही के बाद ही आँधियाँ ठहरती है
लेकिन-
इन सबके बावजूद
फूलों का मुस्कुराना कम नहीं होता।
समस्त अंतर्विरोधी गतिविधियाँ
जब फूलों की मुस्कुराहट को
कम नहीं कर पाती तो
एक अच्छे सहयोगी बन जाती हैं
और
अपनी विवशता में ही सही
साथ-साथ मुस्कुराती हैं,
मुस्कराने के क्रम में बढ़ जाती हैं
काँटों से भी उनको नज़दीकियाँ
लेकिन
इन सबसे अलग एक मुस्कुराहट इंसान की
ज़िंदगी में भी है
जो लुहार को धौंकनी में
ख़ुशी-ख़ुशी आग के साथ मिलकर
गढ़ लेता है-
घोड़ों के जबड़ों में लगाए जाने वाले लगाम
जिसके परम स्वाद से
अगला पैर हवा में उछालकर
ख़ुशी में
हिनहिना उठता है घोड़ा,
गढ़ लेता है एक हँसिया और फावड़ा
जिसके उपयोग से
लहलहाती फ़सल को देख
पूरा परिवेश मुस्कुरा उठता है।
ज़िंदगी के तमाम सूखे-हरे पत्ते झोंक चुकी
चौराहे पर दंतहीन श्यामल बुढ़िया
नब्बे वर्ष की अवस्था में
आँचल से नाक पोंछती
अनुभव की आँच में
रोज़ बहाती है
गरम बालू अपना पसीना,
ग्राहकों के आने पर
अठन्नी खूँटें में गठियाती
गरम बालू में दाने को खिलता देख
मुस्कुरा उठती है।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर