संत कुमार 'सारथि' - नवलगढ़ (राजस्थान)
मिला झूठ को मान - दोहा छंद - संत कुमार 'सारथि'
सोमवार, नवंबर 15, 2021
चमत्कार दिखला रहा, कलयुग में दिन रात।
मिले झूठ को मान है, सच्चाई को मात।।
उलटी गंगा बह रही, देखो करके ध्यान।
सच्चाई मुँह ताकती, मिला झूठ को मान।।
पैसे में सब कुछ बिके, बिकता है ईमान।
सच्चाई ख़ामोश है, मिला झूठ को मान।।
मिला झूठ को मान है, कलयुग की यह रीत।
अपनापन गायब हुआ, हुई तिरोहित प्रीत।।
चौराहे नंगे खड़े, बड़े-बड़े इंसान।
सत्य मरा संकोच से, मिला झूठ को मान।।
अब सच्चे इंसान की, नहीं रही पहचान।
सच घुट-घुट कर जी रहा, मिले झूठ को मान।।
कलयुग में होने लगे, उलटे पुलटे काम।
मिला झूठ को मान है, सत्य हुआ निष्काम।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर