समीर द्विवेदी नितान्त - कन्नौज (उत्तर प्रदेश)
खीर में पड़ गया नमक हो ज्यों - ग़ज़ल - समीर द्विवेदी नितान्त
बुधवार, नवंबर 10, 2021
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन
तक़ती : 212 212 1222
खीर में पड़ गया नमक हो ज्यों,
ऐसी बेस्वाद बात कर दी क्यों।
आप भी सच्चे, बात भी सच्ची,
फिर भला नागवार गुज़री क्यों।
आज भी हाल है वही मेरा,
छोड़ कर तुम गए थे ज्यों का त्यों।
कुछ तो है बात आप में ऐसी,
वरना हम हो गए दिवाने क्यों।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर