इश्क़ तो इश्क़ है सब को इश्क़ हुआ है - ग़ज़ल - अमित राज श्रीवास्तव 'अर्श'
शुक्रवार, जनवरी 28, 2022
अरकान : फ़ाइलुन फ़ेल फ़ऊलुन फ़ेल फ़ऊलुन
तक़ती : 212 21 122 21 122
इश्क़ तो इश्क़ है सब को इश्क़ हुआ है,
इस क़दर कुछ न हुआ जो इश्क़ हुआ है।
चेहरा एक निगाहों से न हटे जब,
वास्ता आप भी समझो इश्क़ हुआ है।
क्या छुपाना दुनिया से हाल ये अपना,
बिन डरे आज बताओ इश्क़ हुआ है।
दिल की हर बात हो ज़ाहिर इश्क़ में फौरन,
आज महबूब से कह दो इश्क़ हुआ है।
फ़लसफ़ा इश्क़ का सबको ख़ूब दिए हम,
आज लगता है कि हमको इश्क़ हुआ है।
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