आशीष कुमार - रोहतास (बिहार)
हे पार्थ! सदा आगे बढ़ो तुम - कविता - आशीष कुमार
शुक्रवार, जनवरी 21, 2022
हे पार्थ! सदा आगे बढ़ो तुम,
कर्तव्य पथ पर डटो तुम।
मुश्किलों का सामना करो,
तूफ़ान के आगे भी अड़ो तुम।
हे पार्थ! सदा आगे बढ़ो तुम,
कर्तव्य पथ पर डटो तुम।
तुम्हारा कर्म ही तुम्हारी पहचान बनेगा,
चिरकाल तक तुम्हारा नाम करेगा।
लोभ मोह क्रोध पाप को तजो तुम,
सत्य निष्ठा नेकी का मार्ग धरो,
अन्याय से डटकर लड़ो तुम।
हे पार्थ! सदा आगे बढ़ो तुम,
कर्तव्य पथ पर डटो तुम।
परोपकार के भागी बनो,
अहिंसा के पुजारी बनो,
नए आदर्श स्थापित करो तुम।
मन में अटूट विश्वास भरो,
संयम का पाठ पढ़ो तुम।
हे पार्थ! सदा आगे बढ़ो तुम,
कर्तव्य पथ पर डटो तुम।
तुम्हारी कोशिशें गवाह बनेंगी,
सफलता की नई राह बनेगी।
फल की चिंता छोड़ो,
कर्म की कड़ियाँ जोड़ो,
अटल निश्चयी बनो तुम।
हे पार्थ! सदा आगे बढ़ो तुम,
कर्तव्य पथ पर डटो तुम।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर