डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' - नई दिल्ली
मुख्य पृष्ठ
छंद
दोहा छंद
पति पत्नी
प्रेम
साथ
साथ निमाएँ उम्र भर - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
साथ निमाएँ उम्र भर - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शुक्रवार, फ़रवरी 18, 2022
दाम्पत्य प्रणय मन माधवी, माघी माह वसन्त।
मनमोहन माधव मधुर, सुरभित सुमन अनन्त।।
साथ निभाए उम्र भर, हम जीवन की साज।
सतरंगी ग़म या ख़ुशी, प्रीत युगल आवाज़।।
रस गंगाधर बन प्रिये, जीवन करूँ विलास।
अंत काल तज साथ हम, मधु वसन्त आभास।।
तुम सरिता जलधार मैं, तू जीवन मैं पतवार।
घटा प्रिये घनश्याम मैं, प्रीत नाव मँझधार।।
मैं मोहन तू राधिका, मैं मधुवन तुम रास।
बने सखा हम ज़िंदगी, पूर्ण प्रीत अभिलास।।
तुम श्रद्धा विश्वास मैं, तुम संयम मैं धीर।
पीली कलसी तुम प्रिये, मैं बसन्त तस्वीर।।
कोमल किसलय कुसुमिता, कुसुमायुध हिय घाव।
परिणीता पावन प्रणय, मलयज माधव छाव।।
मधुमीता माधव प्रिया, मुग्धा मुकुल रसाल।
सतरंगी नव प्रीति मन, नयना चारु विशाल।।
प्रीति नीति सहधर्मिणी, माधव पुष्प पराग।
कोकिल स्वर मधु कोकिला, नव जीवन सहभाग।।
पवन मृदुल शीतल मुदित, माघ मास ऋतुराज।
तरुवनपादप सरसिजा, सुरभित मन रसराज।।
अभिनंदन स्वागत प्रिये, कुसुमित प्रीत निकुंज।
नवल भोर खिल अरुणिमा, माधव मन रसपुंज।।
पुष्पित पुष्प पराग लखि, माधव मन मकरंद।
प्रेम भँवर प्रिय वल्लभा, रोमांचित आनन्द।।
सप्तबन्ध प्रेमाञ्जली, इन्द्रधनुष सतरंग।
नव वसन्त हर्षित प्रणय, अभिनव मीत मतंग।।
लखि वसन्त प्रेमी युगल, मन मुकुन्द मधुमास।
गीत प्रीत संगीत मन, नवनीता मुख हास।।
रजनीगंधा निशिप्रभा, मधुशाला निशिकांत।
मत्त पान रस माधुरी, प्रणय मिलन शुभ शांत।।
हम माँझी पथ ज़िंदगी, माधव प्रीत वसन्त।
प्राणप्रिये हमदम मधुर, साथी युगल अनन्त।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर