गणपत लाल उदय - अजमेर (राजस्थान)
म्हारों राजस्थान - कविता - गणपत लाल उदय
बुधवार, मार्च 30, 2022
यह रंग-रंगीलो है म्हारों राजस्थान,
शूरवीरा को प्यारो यह राजस्थान।
33 ज़िला रो यह म्हारों राजस्थान,
क्षेत्रफल में बड़ों म्हारों राजस्थान।।
गुलाबी नगरी इसमें ज़िला जयपुर,
राजधानी यहाँ की यह है जयपुर।
नीला शहर यहाँ कहतें है जोधपुर,
और व्हाईट सीटी कहतें उदयपुर।।
रेगिस्तान की यहाँ कोई कमी नहीं,
वन और घनें जंगल यहाँ पर कई।
पर समुन्द्रो की यहाँ पर कमी रही,
यह झील तालाब एवं बाँध है कई।।
शूरवीर का ये दुर्ग किला है आमेर,
जनसंख्या में छोटा यह जैसलमेर।
हर ज़िलों की यहाँ अलग पहचान,
क्षेत्रफल में बड़ा ज़िला जैसलमेर।।
बोली जाती है यहाँ पे भाषाएँ कई,
राजस्थानी मारवाड़ी ढूंढाड़ी कही।
मेवाती हाड़ोती बागड़ी बृज-भाषा,
हिंदी शेखावाटी कही पे मरुभाषा।।
आतें है यहाँ हर साल ढ़ेरों पर्यटक,
प्रकृति का आनन्द लेते है पर्यटक।
दाल-बाटी और बनता यहाँ चूरमा,
इसलिए राजस्थानी होते है सूरमा।।
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